बिहार में खास महाल यानी पट्टे की जमीन पर हुए अवैध कब्जों पर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार एक्शन लेने जा रही हे। इसके लिए विभाग की ओर से समीक्षा चल रही है। प्रदेश के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री ने भी इस संबंध में बयान दिया है। उनका कहना है कि अवैध कब्जे और लीज की शर्तों के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी।
पटना। सरकारी और गैर-सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के सरकारी अभियान में अब खास महाल की वैसी जमीन भी शामिल होगी, जिन पर अवैध कब्जा है।
खास महाल की जमीन के साथ आम शिकायत यह है कि लीज की शर्तों का पालन नहीं हो रहा है। इस जमीन के स्वामित्व परिवर्तन की शिकायतें भी आने लगी हैं। विभाग ऐसी शिकायतों की समीक्षा कर रहा है।
क्या कहते हैं नीतीश के मंत्री
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने रविवार को बताया कि सरकार प्रयास करेगी कि खास महाल के वैद्य स्वामित्व वालों को कोई परेशानी नहीं हो।
उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ यह भी देखा जाएगा कि इस पर किसी तरह का अवैध कब्जा न हो। आवास के लिए आवंटित जमीन के व्यवसायिक उपयोग पर भी सरकार गौर करेगी।
खास महाल की जमीन का 2022 में हुआ था सर्वे
राज्य सरकार ने फरवरी 2022 में खास महाल की जमीन के सर्वेक्षण का निर्णय किया था। खास महाल जमीन वाले 12 जिलों के डीएम को जवाबदेही दी गई थी कि वह लीज और स्वामित्व विवाद की जांच करें।
अगर लीज के अनुसार स्वामित्व है तो उसका नवीकरण कर दें। अगर गड़बड़ी पकड़ में आती है तो लीज रद कर उसका अधिग्रहण कर लें। लेकिन, इस प्रयास का ठोस परिणाम नहीं आया।
ऐसी जमीन का कम मिलता है राजस्व
प्रदेश के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायवाल ने यह भी कहा कि खास महाल की जमीन की उपयोगिता और बाजार मूल्य की तुलना में सरकार को बहुत कम राजस्व की प्राप्ति होती है।