बिहार सरकार की जमीन गैर मजरूआ खास या अनाबाद सर्वसाधारण, तालाब, आहर, पइन या परती जमीन पर किसी व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से कब्जा कर लिया गया हो, मकान या किसी तरह की संरचना का निर्माण किया गया हो.वैसे सरकारी जमीन पर उस व्यक्ति के नाम से खाता नहीं खुलेगा, बल्कि बिहार सरकार के नाम से खाता खुलेगा और खतियान के अभियुक्ति कालम में अतिक्रमण लिख दिया जाएगा.न्यायालय में मामला होने पर लिखा जाएगा विवादित गैर मजरूआ खास भूमि पर किसी जमींदार द्वारा एक जनवरी 1946 के पूर्व हुकमनामा का रसीद रैयत के नाम से दिया गया है.सरकारी लगान रसीद जमींदारी उन्मूलन के वर्ष से कट रही है, तब कागजात उपलब्ध कराने के बाद रैयत के नाम खाता खोला जाएगा.यदि ऐसा नहीं है, तो रैयत के नाम खाता नहीं खुलेगा और जमीन सरकारी खाते में चली जाएगी.
कोर्ट का आदेश ही होगा सर्वमान्य