वंश में कंश जैसा पापी हो या नहीं हो लेकिन रतन टाटा जैसा प्रतापी अंश जरूर होना चाहिए। फिर चाहे वह दत्तक पुत्र का ही पुत्र क्यों नहीं हो। निसंतान सर रतन टाटा दंपत्ति ने उद्योग जगत में संपूर्ण संसार में परोपकार के साथ व्यापार की अद्भुत मिशाल कायम करने वाले वास्तविक भारत रत्न रतन टाटा के पिता नवल टाटा को गोद लिया था। एक मामूली असिस्टेंस से अपने जीवन की शुरुआत करने वाले रतन टाटा के जीवन में एक चीज सबसे खास थी, कमिटमेंट और डेवलेपमेंट विथ सोशल एंगल। अपनी विदेशी प्रेमिका के माता पिता की स्वीकृति नहीं मिलने के पश्चात जीवनभर अविवाहित रहने वाले रतन टाटा का भले अपना कोई निजी परिवार नहीं था लेकिन इन्होंने संपूर्ण भारत को अपना परिवार माना और व्यापार व्यवसाय की जगत में परोपकार की ऐसी अद्भुत परिभाषा का सृजन किया है कि आने वाली पीढ़ी आसानी से विश्वास नहीं कर पाएंगे कि आपके जैसा एक महामानव वास्तव में भारत की धरती पर जन्म लिया था। आपका चले जाने से वाकई एक ऐसी क्षति हुई है, जिसका एहसास इस देश को आने वाली कई सदियों तक महसूस होगा…।